थॉमस अल्वा एडिसन ki Hindi Kahani

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यह कहानी हैं एक अविष्कारक की जिनका नाम हैं थॉमस अल्वा एडिसन  जिन्होंने अपने जीवन में हार नहीं मानी और हजारो बार असफल होने के बाद भी अपने काम को नहीं छोड़ा  एक बहुत बड़ी उपलव्धि लोगो के लिए छोड़ गए  ये कहानी जरुर पढ़े '


जीत  की राह में  गलतियो के बहुत से स्टॉप आते है क्यूकि सफलता कई असफलताओ का योग है 
जैसे ही आप असफल हो तो गलतियो का पुनः विश्लेषण करे आगे इनकी पुनरावृति न हो ऐसा प्रयास करे पुनः स्वं को तैयार करे !
सफलता की ओर पहुँचने के लिए फिर से प्रयास करें! असफलताओ से सबक ले स्वं के द्वारा किया प्रयास पर विश्वास रखे सफल होने के लिए आपको धेर्य वान होना होगा ! क्यूकि आप कई बार असफल भी होंगे आप गलतिया भी करेंगे लेकिन असफलताओ को स्वं पर हावी  न होने दे !

जिन्होने बल्व का आविष्कार किया 10,000 प्रयोग असफल हुए लेकिन उन्होने धेर्य नहीं छोड़ा एवं असफलताओ को स्वम पर हावी नहीं होने दिया !

 ओर एक दिन वह सफल हुए ओर कितने ही आविष्कारों के जनम दाता बने परिस्थितियों के सम्मुख नतमस्तक नहीं हुए !

एवं असफलताओ को सफलताओ की सीडी बनाने बाले जुझारू ओर द्रढ़ निश्चयी थॉमस अल्वा एडिसन अंततासफल हुए !

वही  विजयी होता है जो असफलता रूपी काँटों के राह पर चलते हुए  सफलता के  पथ पर आगे बढ़ते  हैं ! आप उन कांटो से सबक ले उन्हें दूर करे ? latest Hindi  stories पढ़े और शेयर करे


   अर्थ हीन लक्ष्य Hindi Kahaniyan



एक किसान के पास एक कुत्ता था /जो सड़क पर बैठा रहता था  जैसे  ही कोई वाहन आता तो कुत्ता भोंकता और  वाहन  का पीछा करता एक दिन व्यक्ति के पडोसी ने पूछा की तुम्हे  क्या लगता हैं तुम्हारा डॉग किसी को पकड़ सकता हैं ?

किसान ने जवाब दिया की मुझे इस बात की चिंता नहीं हैं में तो इस बात पर विचार करता हूँ की यदि इस कुत्ते ने कभी किसी कार को पकड़ भी लिया तो  इसे क्या मिलेगा ?
बहुत से लोग बिना उद्देश्य के किसी लक्ष्य का पीछा करते रहते हैं और व्यर्थ ही अपनी शक्ति एवं समय का दुरपयोग करते रहते हैं !

जीवन में सफलता के लिए आपका लक्ष्य सु स्पष्ट  एवं आपकी महत्वाकांक्षा के अनुकूल होना चाहिये ! एक व्यक्ति पैदल यात्रा कर राह था बह एक दवार  पर पहुँचा उसने एक अन्य यात्री से पूछा की ये रास्ता कहा  कहा जा रहा हैं !
उस यात्री ने पूछा आपको कहा जाना हैं तो व्यक्ति का जवाब था  मुझे पता नहीं कहा जा रहा हूँ  दुसरे व्यक्ति ने कहा ये रास्ता कही भी जाये  आपको क्या  फर्क पड़ता हैं !

 जब व्यक्ति को अपनी मंजिल  का पता ही नहीं  तो रास्ते की जानकारी व्यर्थ हैं ?
आपको जीवन में कुछ प्राप्त करना हैं  सफल होना हैं तो लक्ष्य निर्धारण करना आवश्यक हैं ! best goal बनाए, latest news ,


आशा की किरण, Motivational story in Hindi



एक बार एक युवक को संघर्ष करते करते बहुत समय बीत गया लेकिन उसे सफलता नहीं मिली !वह निराश हो गया ओर घनघोर जंगल की ओर चल दिया ओर जंगल मे पहुँच कर आत्म हत्या करने वाला ही था !
की अचानक एक दिव्य महापुरुष प्रकट हुए महापुरुष बोले बच्चे क्या बात हैं इस घने जंगल मे क्या करने आए हो ?

उस युवक ने जवाव दिया ,में बहुत संघर्ष किया लेकिन सफलता नहीं मिली में हर छेत्र मे हारते गया पर सफलता नहीं मिली!

इसलिए हार थक कर इस बेकार जीवन को नष्ट करने के लिए आत्म हत्या करने के लिए आया हूँ महात्मा जी ने पूछा तुम कितने दिनो से संघर्ष कर रहा हूँ ?

युवक ने कहा मुझे लगभग  17 ,से 18 माह हो गया हैं ! मुझे न तो कोई सही नोकरी मिली ओर न ही किसी परीक्षा मे सफल हुआ न ही कोई धंधा कर पाया क्या  करता निराशा की खाई मे गिर रहा था !

महात्मा जी बोले तुम्हें नोकरी भी मिल जाएगी ,एवं तुम सफल भी हो जाओगे !कुछ दिन ओर प्रयास करो निराशा को छोड़ो ,,अपने को थोड़ा सा धेर्यवान ओर बनो !
युवक ने कहा में किसी योग्य भी नहीं हूँ अब में कुछ नहीं कर सकता मुझसे कुछ भी नहीं हो सकता !

महात्मा जी ने उसे एक कहानी सुनाई

 

महात्मा जी बोले ईश्वर ने 2 पोधे लगाए एक बांस का ओर दूसरा  फर्न का (पत्तियों बाला ) फर्न बाला पोधा एक ही साल मे बहुत बड़ा हो गया ओर बांस का पोधा एक साल में कुछ भी नहीं हुआ !ओर फर्न का पोधा  बहुत बड़ा हो गया !

ईश्वर दुखी ओर निराश नहीं हुए दूसरे साल भी बांस का पोधा जेसा था वेसा ही रहा  कुछ हुआ ही नहीं ओर फर्न का पोधा बहुत बड़ा हो गया लेकिन ईश्वर निराश नहीं हुए न ही दिखाई दिये !

तीसरे वर्ष ओर इसी तरह चोथे वर्ष  बांस का पोधा वेसा  ही रहा उसमे कुछ भी विकाश नहीं हुआ लेकिन फर्न का पोधा ओर बड़ा हो गया ईश्वर फिर भी निराश नहीं हुए !

इसके कुछ दिन बाद बांस का पोधा फूटा एवं देखते देखते कुछ ही दिनो में ऊंचा हो गयाबांस के पोधे को अपनी जड़ो को मजबूत करने के लिए कुछ बर्ष लगे !

महात्मा जी ने बोले की यह आपका संघर्ष का दोर चल रहा हैं अपनी नीव मजबूत करने का समय हैं आप इस समय को व्यर्थ न समझे  ओर हताश न हो जैसे ही आपकी नीव मजबूत होगी आप परिपक्व होंगे आपकी सारी समस्याओ का निदान हो जाएगा आप खूब सफल होंगे ओर विकाश करेंगे !

आप स्वम को दूसरे लोगो से तुलना न करे अपने अंदर का धेर्य ओर आत्म विश्वास न डगमगाये समय आने पर आप बांस की तरह बहुत ऊंचे हो जायोंगे !ओर सफलता की उचाईयों को पार कर जायोगे !
बात उस युवक की समझ मे आ गयी ओर वह फिर से प्रयास किया ओर सफलता को हासिल कर लिया
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